1/16/2010

अवचेतन मन की शक्ति

जब मैं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था, मुझे अवचेतन की शक्ति का ज्ञान नहीं था और इसका उपयोग कैसे किया जाए यह भी पता नहीं था । अनजाने ही, मैं अवचेतन मन की शक्ति का शिकार हो गया।
एक लड़की मेरी मित्र थी।  सोने से पूर्व मैं उसे याद करता था, कई बार उसे सपने में भी देखता था और इससे मेरा तनाव कुछ समय के लिए कम हो जाता था।  इस प्रकार मैं अपने अवचेतन को प्रतिदिन एक सूचना दे रहा था।  इससे मेरी उस पर निर्भरता बढ़ गई।  धीरे-धीरे वह मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण हो गई।  जब होंश से सोचता,  मैंने अनुभव किया कि सामाजिक व अन्य परिस्थितियाँ हमारे पक्ष में नहीं थीं।  अतः हमें एकदूसरे को भुला देना-चाहिये।
परन्तु, चूंकि मैं सोने से पूर्व उसे निरन्तर याद करता रहा था,  मैंने उसे कुछ अनावश्यक महत्त्व दे दिया था इस कारण मुझे काफी हानि हुई और मैं ठीक से अध्ययन नहीं कर सका।
इसलिए आप भी सावधान रहिये।  चेतन और अवचेतन के मध्य एकरूपता नहीं होने से दुविधा की स्थितियाँ बनती हंै। इससे आपकी एकाग्रता भंग होती है और कठिन कार्य करने की क्षमता एवं रूचि भी कम होती है।
अनजाने ही आपकी एकाग्रता कम होती है। मनुष्य की सबसे बड़ी विशेषता ही यह है कि उसमें चयन की क्षमता है।  विश्वासपूर्वक चयन कीजिये कि कुछ अच्छा घटित हो सकता है और वह अभी घटित हो रहा है।

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कुछ मेरे बारे में

I AM SUNEEL PATHAK
FROM AYODHYA FAIZABAD
I AM REPORTER IN DAINIK JAGRAN
AYODHYA EDITION SINCE 2005.