12/17/2009

नींव खुदे बिना ही खर्च हो गई रकम

फैजाबाद, 10 दिसम्बर : बेसिक शिक्षा विभाग के खेल भी निराले हैं। अभी कुछ दिन पहले रुदौली में जहां एक मृतक आश्रित कोटे से नियुक्ति पाये प्रशिक्षणरत अध्यापक को चार-चार निर्माण कार्य सौंप दिये गये थे वहीं अब अमानीगंज में एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है जिसमें एक मृतक आश्रित अध्यापक को पांच-पांच निर्माण कार्य सौंप दिये गये। सभी खातों से धनराशि आहरित भी हो गई लेकिन दो निर्माण कार्य अभी शुरू ही नहीं हुए। हाल है कि अभी उनकी नींव तक नहीं खोदी गई। बिना कार्य शुरू कराये ही कई चेकों के माध्यम से एबीएसए की संस्तुति से इस दौरान धनराशि भी निकाली जाती रही। बताते हैं कि विभागीय अभिलेखों में सम्बंधित निर्माण कार्य पूरे दर्शाए जा रहे हैं, जबकि मौके पर सच्चाई कुछ और ही है।

अमानीगंज शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय कोटिया प्रथम में विद्यालय के स्टोर रूम के निर्माण के लिए 59 हजार रुपये आये थे। इस निर्माण कार्य की जिम्मेदारी मृतक आश्रित कोटे के अध्यापक जीतबहादुर सिंह को सौंपी गई। इस निर्माण कार्य की पूरी धनराशि आहरित कर ली गई लेकिन अभी तक इस निर्माण कार्य की नींव तक नहीं खोदी गई। प्राथमिक विद्यालय कोटिया में ही वर्ष 2008 में अतिरिक्त कक्ष के लिए एक लाख 40 हजार रुपये स्वीकृत किये गये। मार्च 2009 तक सभी धनराशि चार चेकों के माध्यम से आहरित कर ली गई। मौके पर हालत है कि विद्यालय की दीवारें तो बनी हैं लेकिन छत आज तक नहीं पड़ी और दरवाजे और प्लास्टर होना तो दूर की बात है। पूर्व माध्यमिक विद्यालय कोटिया के भवन निर्माण की जिम्मेदारी भी एबीएसए ने इसी अध्यापक को सौंपी थी। इस धनराशि का आहरण भी अध्यापक ने कर लिया लेकिन सम्बंधित कक्ष में आज तक न तो दरवाजे खिड़कियां लगीं और न ही प्लास्टर हुआ। पूर्व माध्यमिक विद्यालय के स्टोररूम के निर्माण के लिए भी 59 हजार रुपये भेजे गये जिसे छह चेकों के माध्यम से निकाल लिया गया लेकिन मौके पर इस निर्माण कार्य की भी नींव नहीं खोदी गई है।

पूर्व माध्यमिक विद्यालय पूरे गंगाशुक्ल के टीएलई मद में आये लगभग 50 हजार रुपये निकाल लिये गये लेकिन इस राशि से कोई खरीद ही नहीं की गई। प्राथमिक विद्यालय कोटिया में लकड़ी की चौकी खरीदने के लिए साढ़े नौ हजार आये थे। यह रकम भी खर्च हो गई लेकिन आज तक चौकी नहीं खरीदी गई। बेसिक शिक्षा विभाग के सूत्र बताते हैं इन निर्माण कार्यो व अन्य मदों का कागज में उपभोग तक दिखाया जा चुका है।

सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी अमानीगंज की भूमिका भी संदेह के दायरे में है। एक निर्माण कार्य पूरा हुए बिना ही कई निर्माण कार्य एक ही अध्यापक को क्यों सौंप दिये गये, इसको लेकर उनकी भूमिका भी मामले में संदिग्ध मानी जा रही है।

ब्लॉग आर्काइव

कुछ मेरे बारे में

I AM SUNEEL PATHAK
FROM AYODHYA FAIZABAD
I AM REPORTER IN DAINIK JAGRAN
AYODHYA EDITION SINCE 2005.