फैजाबाद, 8 दिसम्बर : सहायक अध्यापकों का सम्बद्धीकरण समाप्त करने की दिशा में डेढ़ वर्ष पूर्व संयुक्त शिक्षा निदेशक डा. प्रेमलता सिंह द्वारा दिया गया आदेश बीएसए आफिस की फाइलों में धूल खाता रहा और शिक्षकों के अटैचमेंट का खेल बीएसए और एबीएसए आफिस में निर्बाध चलता रहा। संयुक्त निदेशक ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को तत्काल शिक्षकों का अटैचमेंट समाप्त कर उन्हें मूल तैनाती स्थल पर भेजने और वित्त एवं लेखाधिकारी को अटैचमेंट वाले शिक्षकों के वेतन आहरण पर रोक लगाने का आदेश दिया था। लेकिन इस आदेश का क्रियान्वयन ही नहीं किया गया और हालात बदतर होते चले गये।
हाल ही में बीएसए मनोज मिश्र द्वारा अटैचमेंट समाप्त करने का सराहनीय प्रयास किया लेकिन सम्बद्ध शिक्षकों को अभी तक न हटाये जाने से विभागीय मंशा पर एक बार फिर सवाल उठने शुरू हो गये हैं।
संयुक्त शिक्षा निदेशक डा. प्रेमलता सिंह ने अपने पत्रांक संख्या 847-909/ दिनांक 30 अप्रैल 2008 के द्वारा उप शिक्षा निदेशक नवम मण्डल, सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक फैजाबाद मण्डल, फैजाबाद मण्डल के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों, शिक्षा अधीक्षक नगर पालिका फैजाबाद को शिक्षकों के सम्बद्धीकरण समाप्ति आदेश विषयक पत्र जारी किया। इस पत्र में शिक्षा निदेशक द्वारा शिक्षकों के सम्बद्धीकरण आदेश को गंभीर मानते हुए सम्बद्धीकरण तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया था। शिक्षा निदेशक के आदेशों के अनुपालन में सभी अधीनस्थ अधिकारियों को शिक्षकों को मूल तैनाती स्थल पर भेजने और कार्यभार ग्रहण न कर लेने तक वेतन पर रोक लगाने का आदेश भी दिया गया। बेसिक शिक्षा अधिकारी को सम्बद्धीकरण समाप्त करने की सूचना शिक्षा निदेशक कार्यालय को भेजने का निर्देश भी इस पत्र में दिया गया। तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इस आदेश को ही दबा दिया और चहेतों का अटैचमेंट जारी रहा। बीएसए और एबीएसए स्तर से लगभग पांच दर्जन अटैचमेंटों को छुपाया गया जिसकी वजह से शिक्षा निदेशक के आदेश की धज्जियां उड़ती रहीं। हाल ही में बेसिक शिक्षा अधिकारी मनोज मिश्र ने भी सम्बद्धीकरण समाप्त करने का आदेश जारी किया लेकिन आदेशों को दरकिनार करते हुए दर्जनों सहायक अध्यापक अभी अपने मूल तैनाती स्थल नहीं लौटे। सम्बद्ध सहायक अध्यापक एक बार फिर अपने अटैचमेंट को बरकरार रखने के लिए अधिकारियों व बीएसए आफिस की गणेश परिक्रमा कर रहे हैं और सम्बद्धीकरण बरकरार रखने की जुगत भिड़ा रहे हैं। सम्बद्धीकरण समाप्त करने के बावजूद भी सहायक अध्यापकों को मूल तैनाती स्थल पर न भेजना और उन्हीं से महत्वपूर्ण विभागीय कार्य लिये जाने से विभागीय मंशा पर भी सवाल उठ रहे हैं।